online casino india

ख़्वाजा साहब पर क्या कहती हैं पुरानी किताबें?

आज हम ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती जैसे बड़े सूफ़ी को याद करने के लिए बेशतर ऐसे क़िस्से बयान करते हैं, जो तहक़ीक़ से दूर हैं। उन लोगों के मनाक़िब तो इस ख़ूबी पर ख़त्म हैं कि वो ख़ुदा के महबूब हैं और हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के पिरान-ए-पीर हैं।

हज़रत ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती की दरगाह- प्रोफ़ेसर निसार अहमद फ़ारूक़ी

 तारीख़ की बा’ज़ अदाऐं अ’क़्ल और मंतिक़ की गिरफ़्त में भी नहीं आतीं। रू-ए-ज़मीन पर ऐसे हादसात भी गुज़र गए हैं जिनसे आसमान तक काँप उठा है मगर तारीख़ के हाफ़िज़े ने उन्हें महफ़ूज़ करने की ज़रूरत नहीं समझी और एक ब-ज़ाहिर बहुत मा’मूली इन्फ़िरादी अ’मल-ए-जावेदाँ बन गया है और उसके असरात सदियों पर फैल… continue reading

शैख़ सलीम चिश्ती-ख़्वाजा हसन निज़ामी

मशहूर तो यूं है कि हिन्दुस्तान में इस्लाम का ज़माना मोहम्मद ग़ौरी से शुरूअ’ होता है मगर हक़ीक़त में दौर-ए-इस्लामी हज़रत ख़्वाजा हसन संजरी अल-मा’रूफ़ ब-ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती अजमेरी से चला और उन्हीं के सिलसिला से अब तक इस सर-ज़मीन पर बाक़ी है। बादशाहों ने मुल्क फ़त्ह किया और चिश्तियों ने दिलों की इक़्लीम।ख़्वाजा हसन… continue reading

सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी

बहराइच शहर ख़ित्ता-ए-अवध का क़दीम इ’लाक़ा है।बहराइच को सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी और उनके जाँ-निसार साथियों की जा-ए-शहादत होने का शरफ़ हासिल है,जिसकी बरकत से पूरे हिंदुस्तान में बहराइच अपना अलग मक़ाम रखता है।अ’ब्बास ख़ाँ शेरवानी ने ब-हवाला ”मिर्आत-ए-मस्ऊ’दी” लिखा है कि सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी (रहि.) की पैदाइश 21 रजब या शा’बान 405 हिज्री मुताबिक़… continue reading

कबीर दास

महात्मा कबीर से हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा वाक़िफ़ है। शायद ही कई ऐसा नज़र आए जो कबीर के नाम से ना आशना हो। उन के सबक़-आमूज़ भजन आज भी ज़बान-ए-ज़द-ओ-ख़लाएक़ हैं जहाँ दो-चार साधू बैठे या सत्संग हुआ, वहाँ कबीर के ज्ञान का दरिया मौजें मारने लगा। बावजूद ये कि महात्मा कबीर जाहिल थे। लेकिन उन… continue reading

मसनवी की कहानियाँ -6

मज्नूँ और लैला की गली का कुत्ता(दफ़्तर-ए-सेउम) मज्नूँ एक कुत्ते की बलाऐं लेता था, उस को प्यार करता था और उस के आगे बिछा जाता था।जिस तरह हाजी का’बे के गिर्द सच्ची निय्यत से तवाफ़ करता है उसी तरह मज्नूँ उस कुत्ते के गिर्द फिर कर सदक़े क़ुर्बान हो रहा था। किसी बाज़ारी ने देखकर… continue reading