Articles By Junaid Ahmad Noor

साहिब-ए-मा’लूमात-ए-मज़हरिया शाह नई’मुल्लाह बहराइची

हज़रत मौलाना शाह नई’मुल्लाह की पैदाइश 1153 हिज्री मुताबिक़1738 में हुई।आपका मक़ाम-ए-पैदाइश मौज़ा’ भदौनी क़स्बा फ़ख़्रपुर ज़िला’ बहराइच है।आपके वालिद का नाम ग़ुलाम क़ुतुबुद्दीन था। (आसार-ए-हज़रत मिर्ज़ा ‘मज़हर’ जान-ए-जानाँ शहीद 2015, सफ़हा 260) शाह नई’मुल्लाह साहिब अ’लवी सय्यिद थे।आपके मुरिस-ए-आ’ला ख़्वाजा इ’माद ख़िलजी हम-राह सय्यिद सालार मसऊ’द ग़ाज़ी के हिंदुस्तान आए थे और बाराबंकी के क़स्बा केंतोर… continue reading

सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी

बहराइच शहर ख़ित्ता-ए-अवध का क़दीम इ’लाक़ा है।बहराइच को सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी और उनके जाँ-निसार साथियों की जा-ए-शहादत होने का शरफ़ हासिल है,जिसकी बरकत से पूरे हिंदुस्तान में बहराइच अपना अलग मक़ाम रखता है।अ’ब्बास ख़ाँ शेरवानी ने ब-हवाला ”मिर्आत-ए-मस्ऊ’दी” लिखा है कि सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी (रहि.) की पैदाइश 21 रजब या शा’बान 405 हिज्री मुताबिक़… continue reading

सय्यिद अमीर माह बहराइची

सय्यिद अफ़ज़लुद्दीन अबू जा’फ़र अमीर माह बहराइची को बहराइच में सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी के बा’द सबसे ज़्यादा मक़्बूलियत-ओ-शोहरत हासिल हुई।आपकी पैदाइश बहराइच में हुई। सन-ए-विलादत किसी किताब में मज़कूर नहीं हैं।   प्रोफ़ेसर ख़लीक़ अहमद निज़ामी(अ’लीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी) लिखते हैं: “मीर सय्यिद अमीर माह (रहि.)बहराइच के मशहूर-ओ-मा’रूफ़ मशाइख़-ए-तरीक़त में थे।सय्यिद अ’लाउद्दीन अल-मा’रूफ़ ब-अ’ली जावरी… continue reading

हकीम सफ़दर अ’ली ‘सफ़ा’ वारसी : साहिब-ए-जल्वा-ए-वारिस

हिन्द-ओ-नेपाल सरहद पर आबाद एक छोटा सा ज़िला’ बहराइच इ’लाक़ा-ए-अवध का एक तारीख़ी इ’लाक़ा है जिसे सुल्तानुश्शोह्दा फ़िल-हिंद हज़रत सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी (रहि.) की जा-ए-शहादत होने का शरफ़ हासिल है।बहराइच ज़माना-ए-क़दीम से इ’ल्म का मरकज़ रहा है।दरिया-ए-घाघरा के किनारे सूबा-ए-उत्तर प्रदेश के दारुल-हुकूमत लखनऊ से 125 किलो मीटर के फ़ासला पर वाक़े’ बहराइच सूबा-ओ-ख़ित्ता-ए-अवध… continue reading