हज़रत गेसू दराज़ का मस्लक-ए-इ’श्क़-ओ-मोहब्बत-जनाब तय्यब अंसारी
हज़रत अबू-बकर सिद्दीक़ रज़ी-अल्लाहु अ’न्हु ने फ़रमाया था: परवाने को चराग़ है, बुलबुल को फूल बस सिद्दीक़ के लिए है ख़ुदा का रसूल बस रसूलुल्लाहि सल्लल्लाहु अ’लैहि वसल्लम अफ़ज़ल हैं या सय्यिद मोहम्मद ? तो उसने हज़रत अबू-बकर सिद्दीक़ रज़ी-अल्लाहु अ’न्हु की तरह कुछ ऐसा ही जवाब दिया। “हज़रत मोहम्मद रसूलुल्लाहि सल्लल्लाहु अ’लैहि वसल्लम अगर्चे पैग़म्बर-ए-ख़ुदा हैं… continue reading