बक़ा-ए-इंसानियत के सिलसिला में सूफ़िया का तरीक़ा-ए-कार- मौलाना जलालुद्दीन अ’ब्दुल मतीन ,फ़िरंगी महल्ली,लखनऊ
बात की इब्तिदा तो अल्लाह या ईश्वर के नाम ही से है जो निहायत मेहरबान और इंतिहाई रहम वाला है और सब ता’रीफ़ तो ईश्वर या अल्लाह की ही है जो सब जगतों का पालनहार है।जिसका कोई साझी नहीं है।जो निहायत रहम वाला मेहरबान है।उसका सलाम मोहम्मद सल्लल्लाहु अ’लैहि वसल्लम,आल-ए-मोहम्मद,अस्हाब-ए-मोहम्मद सल्लल्लाहु अ’लैहि वसल्लम और उनके… continue reading