ज़िक्र-ए-ख़ैर शाह मोहसिन अबुल-उ’लाई दानापुरी
बिहार की सर-ज़मीन से न जाने कितने ला’ल-ओ-गुहर पैदा हुए और ज़माने में अपने शानदार कारनामे से इन्क़िलाब पैदा किया।उनमें शो’रा,उ’लमा,सूफ़िया और सियासी रहनुमा सब शामिल हैं।जब ज़रूरत पड़ी तो क़ौम की बुलंदी की ख़ातिर सियासत में उतरे।जब मज़हब पर उंगलियाँ उठने लगीं तो ब-हैसीयत आ’लिम-ए-दीन उसका जवाब दिया। जब क़लम की ज़रूरत महसूस हुई… continue reading