दूल्हा और दुल्हन का आरिफ़ाना तसव्वुर – शमीम तारिक़

दूल्हा और दुल्हन बहुत आम फ़हम अलफ़ाज़ हैं। इनकी तहज़ीबी हैसियत और समाजी मानविय्यत से वो भी वाक़िफ़ हैं जिन्हें दूल्हा या दुल्हन बनने का मौक़ा मिल चुका है और वो भी जो दूसरों की बारात या रुख़्सती देखने पर इक्तिफ़ा करते रहे हैं मगर सूफ़ी और भक्त शाइरों के कलाम में ये दोनों लफ़्ज़… continue reading