अल-ग़ज़ाली की ‘कीमिया ए सआदत’ की दूसरी क़िस्त
प्रथम उल्लास –(अपने-आप की पहचान) पहली किरण भगवत्साक्षात्कार के लिए अपने को पहचानने की आवश्यकता याद रखो, अपने-आपको पहचानना ही श्रीभगवान् को पहचानने की कुंजी है। इसी विषय में महापुरुष ने भी कहा है कि जिसने अपने को पहचाना है उसने निःसन्देह अपने प्रभु को भी पहचान लिया है। तथा प्रभु भी कहते हैं कि… continue reading