हज़रत मख़दूम अशरफ़ जहाँगीर सिमनानी के जलीलुल-क़द्र ख़ुलफ़ा- हज़रत मौलाना सय्यद मौसूफ़ अशरफ़ अशरफ़ी जीलानी
हज़रत मख़दूम अशरफ़ जहाँगीर सिमनानी की ज़ात-ए-गिरामी से सिलसिला-ए-आ’लिया क़ादरिया जलालिया अशरफ़िया और सिलसिला-ए-चिश्तिया निज़ामिया अशरफ़िया की तर्वीज-ओ-इशाअ’त हुई और कसीर औलिया-ए-रोज़गार-ओ-फ़ाज़िल उ’लमा-ओ-मशाइख़-ए-किबार दाख़िल-ए-सिलसिला हुए।आपके ख़ुलफ़ा की ता’दाद बहुत ज़ियादा है जिन्हें ख़ुद आपने अपनी हयात-ए-तय्यिबा में दुनिया के गोशे-गोशे में इशाअ’त-ए-इस्लाम और तब्लीग़-ए-दीन के लिए साहिब-ए-विलायत बना कर भेजा।आपके तक़रीबन सभी ख़ुलफ़ा अपने वक़्त के ज़बरदस्त आ’लिम-ओ-सूफ़ी थे।उन ख़ुलफ़ा ने इस्लाम की बड़ी ख़िदमत की।ज़ैल में हम आपके कुछ उन मशहूर-ओ-मा’रूफ़ ख़ुलफ़ा का ज़िक्र कर रहे हैं जिनका आपसे गहरा तअ’ल्लुक़ था।