हकीम सफ़दर अ’ली ‘सफ़ा’ वारसी : साहिब-ए-जल्वा-ए-वारिस
हिन्द-ओ-नेपाल सरहद पर आबाद एक छोटा सा ज़िला’ बहराइच इ’लाक़ा-ए-अवध का एक तारीख़ी इ’लाक़ा है जिसे सुल्तानुश्शोह्दा फ़िल-हिंद हज़रत सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी (रहि.) की जा-ए-शहादत होने का शरफ़ हासिल है।बहराइच ज़माना-ए-क़दीम से इ’ल्म का मरकज़ रहा है।दरिया-ए-घाघरा के किनारे सूबा-ए-उत्तर प्रदेश के दारुल-हुकूमत लखनऊ से 125 किलो मीटर के फ़ासला पर वाक़े’ बहराइच सूबा-ओ-ख़ित्ता-ए-अवध… continue reading