तारीख़-ए-वफ़ात निज़ामी गंजवी-जनाब क़ाज़ी अहमद साहब अख़्तर जूनागढी
इख़्तिलाफ़-ए-सन : फ़ारसी शोरा के हालात में आ’म तौर पर सिनीन-ओ-तवारीख़ ब-लिहाज़-ए-सेहत मुश्तबा और बसा औक़ात मुख़्तलिफ़ पाई जाती हैं, लेकिन जैसा शदीद इख़्तिलाफ़ निज़ामी की तारीख़-ए-वफ़ात में है, शायद ही किसी शाइ’र या मुसन्निफ़ की निस्बत पाया गया हो, इसकी वजह ज़्यादा-तर यही मा’लूम हुई है कि निज़ामी की मस्नवियाँ जिनसे उनकी तारीख़-ए-वफ़ात पर इस्तिनाद किया जता… continue reading