ख़ानदान-ए-चिराग़ देहलवी
हज़रत ख़्वाजा नसीरुद्दीन चिराग़ देहलवी शैख़-उल-मशाइख़, बादशाह-ए-’आलम-ए-हक़ीक़त , कान-ए-मोहब्बत-ओ-वफ़ा हज़रत ख़्वाजा नसीरुल-मिल्लत वद्दीन महमूद अवधी रहमतुल्लाह अ’लैह। तकमिला-ए-सियर-उल-औलिया में है कि ’इल्म-ओ-’अक़्ल-ओ-’इश्क़ में आपका ख़ास मक़ाम था। मकारिम-ए-अख़्लाक़ में आपका काई सानी न था। जानशीन:– आप हज़रत महबूब-ए-इलाही के ख़लीफ़ा-ओ-जानशीन थे। वालिद-ए-बुज़ुर्गवार:– आपके वालिद-ए-माजिद का नाम सय्यद यहया यूसुफ़ था। आपके जद्द-ए-मोहतरम का हिंदुस्तान वारिद… continue reading