Qawwalon ke Qisse-8 Khairabad ke Qawwalon ka Qissa

मदन ख़ान नामक से शख़्स अमरोहा के पास रहते थे।वह श्याम-वर्ण के थे और उनकी कद काठी भी अजीब थी। ख़ैराबाद आकर वह शैख़ सअदुद्दीन ख़ैराबादी की ख़ानक़ाह में रहने लगे । उनकी आवाज़ बड़ी अच्छी थी और हज़रत अक्सर उनका गाना सुनते थे।उन्ही दिनों क़न्नौज की एक खूबसूरत गायिका ख़ैराबाद आई हुई थी।मदन साहब… continue reading

Qawwalon ke Qisse-7 Habeeb Painter Qawwal ka Qissa

भारत-चीन युद्ध के समय जब पूरा देश एकता के सूत्र में बंध गया था,उस नाज़ुक दौर में अवाम को जगाने और सैनिकों का हौसला बढ़ाने का बीड़ा क़व्वाल हबीब पेंटर ने उठाया। उनकी क़व्वालियों से तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हबीब पेंटर को बुलबुल-ए-हिन्द की उपाधि से सम्मानित किया ।हबीब… continue reading

Qawwalon ke Qisse -6 Muhammad Yaqoob Khan aur Madar Bakhsh Khan ka Qissa

मुहम्मद याक़ूब ख़ां फुलवारीशरीफ ज़िला पटना में रहा करते थे उनके ताल्लुक़ात निहायत वसीअ थे। दूर दूर तक उनकी पहचान थी। सितार लाजवाब बजाते थे जिन लोगों को इनकी  महफ़िल याद है वो बड़े ख़ुशनुमा अंदाज़ में आपकी तारीफ़ किया करते हैं ।जब क़व्वाली गाना शुरू करते थे तो पहले सिर्फ सितार बजाते और ऐसा… continue reading

Qawwalon ke Qisse- 5 Muhammad Siddique Khan Qawwal ka Qissa

मुहम्मद सिद्दीक़ ख़ां अकबराबाद (आगरा) के क़रीब के रहने वाले थे वो सितार लाजवाब बजाते और बिला मिज़्राब बोल काटते और राग बजाते थे। इनका ख़ानदान गवैयों का है ये पहले इस्लाम पूर ज़िला नालंदा में मुलाज़िम थे फिर हज़रत शाह मुहम्मद अकबर अबू उलाई दानापूरी के मुरीद हो गए और बाज़ाबता क़व्वाली भी करने… continue reading

Qawwalon ke Qisse-4 Murli Qawwal ka Qissa

लखनऊ के क़व्वाल कन्हैया के औलाद नहीं थी । वह अपने पीर साहब के हुज़ूर पेश हुए और उनसे अपनी यह परेशानी बताई । पीर साहब ने अर्ज़ किया – कन्हैया ! तेरे घर पर मुरली बजेगी ! और ऐसा ही हुआ । कन्हैया को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई । उन्होंने अपने बेटे का… continue reading

Qawwalon ke Qisse -3 Shankar-Shambhu Qawwal ka Qissa

शंकर शम्भू क़व्वाल का नाम आज कौन नहीं जानता । एक बार शंकर और शम्भू ख्व़ाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर हाज़िरी देने पहुंचे । उन्हें वहां गाने का मौका नहीं दिया गया क्यूंकि एक तो वह नए थे और दुसरे क़व्वालों की एक लंबी फ़ेहरिश्त कतार में खड़ी थी । यह देखकर बड़े भाई… continue reading

Qawwalon ke Qisse-2 Nusrat Sahab ka Qissa

एक बार नुसरत साहब नींद में एक घंटा गाते रहे।जब नींद खुली तो उन्होंने बताया कि ख्व़ाब में वह किसी मज़ार पर थे जहाँ उनके पिता फ़तेह अ’ली ख़ान साहब ने उन्हें कलाम पढ़ने का हुक्म दिया।इस घटना को घर के बड़े लोगों ने एक रूहानी संकेत के तौर पर लिया और नुसरत साहेब को… continue reading

Qawwalon ke Qisse-1 Munshi Raziuddin ka Qissa

Munshi Raziuddin had once come across an old man who spoke only Gujarati, in Madinah during one of his visits. Reportedly the old man had approached him with ‘Baba, please pray on my behalf, I heard somewhere that the Prophet Mohammed and the Almighty only understands Arabic. But I speak only Gujarati, please help.’ Seeing… continue reading

समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा

दिल्ली में हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह गंगा-जमुनी तहज़ीब और सूफ़ी संस्कृति का एक बुलंदतरीन मरकज़ है । यहाँ तमाम मज़हब के लोगों की आमद और अक़ीदत देखते बनती है । हर जुमेरात  को ख़ासतौर से यहाँ क़व्वाली का आयोजन होता है जिसमें ख़ास-ओ-आम सबकी शिरकत होती है। आजकल भी क़व्वाली लोगों के लिए एक… continue reading