Ishqbaazi (इश्क़बाज़ी)
रोज़ ए अज़ल से यह कहानी चलती आ रही है । खुदा ने जब ये क़ाएनात बनाई तो साथ ही साथ आत्मा की पतंग भी इश्क़ की डोर से बांध कर उड़ा दी । पतंग जब आसमान में पहुंची तो उसे ऐसा लगने लगा कि ये डोर उसे बांध रही है । उसकी अंतरात्मा ने… continue reading