बाबा बुल्ले शाह और उनका काव्य
इश्क़ शब्द अरबी के इश्क़िया (عشقیہ) से निकला है. यह एक प्रकार की वनस्पति है जिसे फ़ारसी में इश्क़ पेचां तथा अरबी में लबलाब कहते हैं. जब यह किसी पेड़ से लिपट जाती है तो वह पूरा वृक्ष सुखा देती है. यही हालत इश्क़ की है. इश्क़ भी जिस तन को लग जाता है वह… continue reading
 
             
            				 
            				 
            				 
            				 
            				 
            				 
    						
    						
    						 
		 
        
     
        
     
        
     
        
     
        
     
        
     
        
     
        
     
        
    