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अजमेर विवाद का अविवादित पक्ष

“अजमेरा के मायने चार चीज़ सरनाम ख़्वाजे साहब की दरगाह कहिए, पुष्कर में अश्नान मकराणा में पत्थर निकले सांभर लूण की खान” -(अजमेर हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिपटिव किताब से ) ख़्वाजा साहब और अजमेर का ऐसा नाता है जैसा चन्दन और पानी का है । अजमेर सूफ़ी संतों के लिए एक ऐसा झरना है जहाँ देश… continue reading

उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक

सूफ़ी दरगाहों पर उर्स के दौरान कई रस्में होती हैं जिनका ज़िक्र गाहे-ब-गाहे होता रहता है. उर्स अक्सर दो या तीन दिनों तक मनाया जाता है जिसमें सूफ़ी मुशायरों का आयोजन भी आ’म है . कुछ दरगाहों पर तरही मुशायरों का आयोजन भी किया जाता था जिसमे एक तरही मिसरा शायरों को दिया जाता था… continue reading

Qawwalon ke Qisse -13. Hamid Ali Bela ka Qissa

हज़रत शाह हुसैन (1538 -1599) पंजाब के अलबेले सूफ़ी थे. उनके पिता शेख़ उस्मान ढड्डे जुलाहे का काम करते थे। उन का जन्म लाहौर (पाकिस्तान) में हुआ और उन्हें पंजाबी काफ़ी का जनक भी कहा जाता है । उन के कलाम लोगों में बहुत ही हरमन प्यारे रहे हैं । उन की दरगाह बाग़बानपुरे में… continue reading

Yaar tori basant manayi

Basant means a lot to me. The flowers, the music at Nizamuddin Aulia Dargah in Delhi. I can smell the flowers from my Bangalore living room, can hear the strains of Qawwali. Hundreds of years ago, Amir Khusrau had started this tradition dressed in yellow saree dancing in front of his beloved Master Khwaja Nizamuddin… continue reading

हिन्दुस्तानी क़व्वाली के विभिन्न प्रकार

हिंदुस्तान में क़व्वाली सिर्फ़ संगीत नहीं है। क़व्वाली इंसान के भीतर  एक संकरे मार्ग का निर्माण करती है जिसमे एक तरफ़ खुद को डालने पर दूसरी और ईश्वर मिलता है। क़व्वाली की विविध विधाएं हिंदुस्तान में प्रचलित रही हैं। ये विधाएं क़व्वाली के विभिन्न अंग हैं जो कालान्तर में क्रमित विकास द्वारा स्थापित हुई हैं।… continue reading

Gems of Persian Sufi poetry

फ़ारसी सूफ़ी काव्य का पहला शाइ’र हज़रत अबू सईद अबुल ख़ैर (सन-997-1049 ई.) को माना जाता है। इन्हों ने ही फ़ारसी काव्य में सबसे पहले ईश्वरीय प्रेम की अभिव्यंजना की.इनके विचार बड़े गहन हैं। सांसारिक वस्तुओं में उन्हें हक़ीक़ी महबूब के रूप की छटा दृष्टिगोचर होती है। ईश्वर से लौ लग जाने के पश्चात लौकिक… continue reading