सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी
बहराइच शहर ख़ित्ता-ए-अवध का क़दीम इ’लाक़ा है।बहराइच को सय्यिद सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी और उनके जाँ-निसार साथियों की जा-ए-शहादत होने का शरफ़ हासिल है,जिसकी बरकत से पूरे हिंदुस्तान में बहराइच अपना अलग मक़ाम रखता है।अ’ब्बास ख़ाँ शेरवानी ने ब-हवाला ”मिर्आत-ए-मस्ऊ’दी” लिखा है कि सालार मस्ऊ’द ग़ाज़ी (रहि.) की पैदाइश 21 रजब या शा’बान 405 हिज्री मुताबिक़… continue reading