online casino india

Suf, Tasawwuf aur Mausiqi: Episode-1 (Fariduddin Ayaz)

We travelled by an auto rickshaw in the streets of Old Delhi, people from air conditioned SUVs rolled down their window to wish him with the humblest of salaams, he responded to them with his folded hands. Some strangers from the pavement recognized him at Connaught place and requested him to pray for them. He… continue reading

क़व्वाली और अमीर ख़ुसरो – अहमद हुसैन ख़ान

एक सौत-ए-सर्मदी है जिस का इतना जोश है।

वर्ना हर ज़र्रा अज़ल से ता-अबद ख़ामोश है।।

जिन नैनन में पी बसे दूजा कौन समाय

यह प्रेम की डोर ही जीवन है. इस से बंध कर ही आत्मा की पतंग उड़ती है. कभी कभी ऐसा भ्रम होता है कि यह डोर न होती तो शायद पतंग और ऊँचे जाती परन्तु जैसे ही यह डोर टूटती है पतंग सीधी ज़मीन पर आ गिरती है.

हज़रत ख़्वाजा सैयद नसीरुद्दीन चिराग़ देहलवी

ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगान हज़रत ख़्वाजा सैयद नसीरुद्दीन महमूद रौशन चिराग़ देहलवी सिलसिला-ए-चिश्तिया के रौशन चराग़ हैं। हज़रत की पैदाइश अयोध्या में 675 हिज्री (1276/77 ई’स्वी) में हुई थी।आपके वालिद माजिद का नाम हज़रत सैयद अल-मुई’द यहया युसूफ़ अल-गिलानी था। आपके दादा का नाम सैयद अबू नस्र अ’ब्दुल लतीफ़ रशीदुद्दीन अल-गिलानी था जो यमन, ख़ुरासान, नेशापुर, लाहौर, दिल्ली… continue reading

हज़रत मख़दूम हुसैन ढकरपोश

बिहार-ओ-बंगाल के अव्वलीन सूफ़िया ज़्यादा-तर सुहरवर्दी निस्बत से मा’मूर हैं।कहा जाता है फ़ातिह-ए-मनेर हज़रत इमाम मुहम्मद ताज फ़क़ीह और उनके पोते मख़दूम कमालुद्दीन अहमद यहया मनेरी और उनके ख़ुस्र मुअ’ज़्ज़म हज़रत सय्यद शहाबुद्दीन पीर-ए-जगजोत ये सब सुहरवर्दी सिल्सिले से वाबस्ता थे।वहीं दूसरी तरफ़ हज़रत पीर-ए-जगजोत के नवासा मख़दूम अहमद चर्मपोश और मख़दूमा बीबी कमाल (काको)… continue reading

حضرت شاہ تیغ علی

مشائخ سلسلہ عالیہ قادریہ میں حضرت صوفی شاہ آبادانی سیالکوٹی رحمۃ اللہ علیہ (م18/ربیع الثانی 1220 ھ) کی شخصیت بھی کافی اہمیت کی حامل ہے۔ اواخر بارہویں صدی ہجری سے اوائل تیرہویں صدی ہجری تک آپ کا فیضان شمالی ہند میں عام تھا۔ حضرت سیدنا شیخ احمد سرہندی المعروف بہ  مجددالف ثانی کے بعد آپ… continue reading