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Suf, Tasawwuf aur Mausiqi: Episode-1 (Fariduddin Ayaz)

We travelled by an auto rickshaw in the streets of Old Delhi, people from air conditioned SUVs rolled down their window to wish him with the humblest of salaams, he responded to them with his folded hands. Some strangers from the pavement recognized him at Connaught place and requested him to pray for them. He… continue reading

हज़रत शैख़ फ़रीदुद्दीन मसऊ’द गंज शकर-निसार अहमद फ़ारूक़ी फ़रीदी

हज़रत शैख़ फ़रीदुद्दीन मसऊ’द गंज शकर रहमतुल्लाहि अ’लैह जो आ’म तौर पर हज़रत बाबा फ़रीद के नाम से याद किए जाते हैं, हिन्दुस्तान में चिश्तिया सिलसिले के अहम सुतून हैं।उन्होंने हज़रत शैख़ क़ुतुबुद्दीन बख़्तियार काकी(रहि.)और हज़रत ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती ग़रीब-नवाज़ रहमतुल्लाहि अ’लैह से रुहानी फ़ैज़ हासिल किया। हज़रत बाबा फ़रीद रहमतुल्लाहि अ’लैह से बातिनी ता’लीम हासिल… continue reading

गुरु बाबा नानक जी-(अ’ल्लामा सर अ’ब्दुल क़ादिर मरहूम)

दुनिया के उन चीदा बुज़ुर्गों में जिन्हों ने अपनी ज़िंदगियाँ ख़ल्क़-ए-ख़ुदा की रहनुमाई के लिए वक़्फ़ कर दीं और अपने ज़ाती आराम और आसाइश पर ख़ुदा के बंदों की ख़िदमत को तरजीह दी गुरू बाबा नानक जी बहुत दर्जा रखते थे।हमारे पयारे वतन का वो गोशा जो पाँच दरियाओं से सैराब होता है और उसी… continue reading

हिन्दुस्तान में क़ौमी यक-जेहती की रिवायात-आ’ली-जनाब बिशम्भर नाथ पाण्डेय (साबिक़ गवर्नर,उड़ीसा)

बंगाल के ख़ुद-मुख़्तार पठान सुल्तान बंगला ज़बान के बहुत बड़े हिमायती थे।सुलतान हुसैन शाह ने सरकारी ख़र्च पर महाभारत, रामायण, उपनिषद जैसी संस्कृत की मज़हबी किताबों का बंगला में तर्जुमा कराया।बंगला अदीबों को इनआ’म और इकराम दिए।उस ज़माने के बहुत बड़े मैथिली और बंगला ज़बान के शाइ’र विद्यापति ने हुसैन शाह की ता’रीफ़ में बहुत सी… continue reading

हज़रत ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती की दरगाह- प्रोफ़ेसर निसार अहमद फ़ारूक़ी

 तारीख़ की बा’ज़ अदाऐं अ’क़्ल और मंतिक़ की गिरफ़्त में भी नहीं आतीं। रू-ए-ज़मीन पर ऐसे हादसात भी गुज़र गए हैं जिनसे आसमान तक काँप उठा है मगर तारीख़ के हाफ़िज़े ने उन्हें महफ़ूज़ करने की ज़रूरत नहीं समझी और एक ब-ज़ाहिर बहुत मा’मूली इन्फ़िरादी अ’मल-ए-जावेदाँ बन गया है और उसके असरात सदियों पर फैल… continue reading

शैख़ सलीम चिश्ती-ख़्वाजा हसन निज़ामी

मशहूर तो यूं है कि हिन्दुस्तान में इस्लाम का ज़माना मोहम्मद ग़ौरी से शुरूअ’ होता है मगर हक़ीक़त में दौर-ए-इस्लामी हज़रत ख़्वाजा हसन संजरी अल-मा’रूफ़ ब-ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती अजमेरी से चला और उन्हीं के सिलसिला से अब तक इस सर-ज़मीन पर बाक़ी है। बादशाहों ने मुल्क फ़त्ह किया और चिश्तियों ने दिलों की इक़्लीम।ख़्वाजा हसन… continue reading