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मधुमालती के अली मंझन शत्तारी राजगीरी

हज़रत इमाम हसन के वंश में से एक सूफ़ी हज़रत मीर सय्यद मोहम्मद हसनी बग़दाद से ख़ुरासान और ख़ुरासान से भारत आए और यहीं बस गए। आप का सिलसिला इस तरह हज़रत इमाम हसन से जा कर मिलता है- मीर सय्यद इमाद-उद्दीन हसनी बिन ताज-उद्दीन बिन मोहम्मद बिन अज़ीज़-उद्दीन हुसैन बिन मोहम्मद अल-क़रशी बिन अबू… continue reading

बिहार की क़व्वाली और क़व्वालों का इतिहास

क़व्वाली शब्द अरबी भाषा के शब्द ‘क़ौल’ से लिया गया है। क़ौल पढ़ने वाले व्यक्ति को क़व्वाल कहा जाता है। क़ौल का आम मतलब ‘क़ौल-ए-पैग़म्बर’ (हज़रत मोहम्मद पाक का कहा हुआ कथन) है, जिसे आपने हज़रत मौला अली के बारे में कहा था। क़व्वाली की शुरुआत हज़रत अमीर ख़ुसरौ ने की थी। उनके समय से… continue reading

हज़रत मयकश अकबराबादी

हिंदुस्तान में सूफ़ी ख़ानक़ाहों का एक लम्बा और प्रसिद्ध इतिहास रहा है। हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की ख़ानक़ाह हिंदुस्तान भर में प्रसिद्ध है जहाँ पर योगियों, सूफ़ियों और मलंगों का जमघट लगा रहता था। लंगर का चलन भी सूफ़ियों के द्वारा ही हिंदुस्तान में आया। ख़ानक़ाहें हिंदुस्तानी गंगा जमुनी तहज़ीब की ध्वजवाहक रही हैं। यहाँ हमारी… continue reading

हज़रत पीर नसीरुद्दीन “नसीर”

“बात इतनी है और कुछ भी नहीं” हज़रत पीर नसीरुद्दीन ‘नसीर’ मशहूर शाइर, अदीब, रिसर्चदाँ, ख़तीब, आलिम और गोलड़ा शरीफ़ की दरगाह के सज्जादा-नशीन थे। वो उर्दू, फ़ारसी, पंजाबी के साथ-साथ अरबी, हिन्दी, पूरबी और सरायकी ज़बानों में भी शाइरी करते थे, इसीलिए उन्हें “सात ज़बानों वाला शाइर” के नाम से भी याद किया जाता… continue reading

हज़रत शाह तुराब अ’ली क़लन्दर और उनका काव्य

सूफ़ी-संतों के योगदान को अगर एक वाक्य में लिखना हो तो हम कह सकते हैं कि सूफ़ी और भक्ति संतों ने हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहज़ीब को नाम दिए हैं। ये नाम गंगा-जमुनी तहज़ीब को जोड़ कर रखने वाली कड़ियाँ हैं। सूफ़ी-संतों ने हिंदुस्तान में गंगा-जमुनी तहज़ीब की आधार-शिला रखी और धीरे-धीरे हिंदुस्तान में साझा संस्कृति… continue reading

ख़्वाजा मीर दर्द और उनका जीवन

दिल्ली शहर को बाईस ख्व़ाजा की चौखट भी कहा जाता है। इस शहर ने हिन्दुस्तानी तसव्वुफ़ को एक नई दिशा दी। इस ने जहाँ क़ुतुबुद्दीन बख़्तियार काकी, ख्व़ाजा निज़ामुद्दीन औलिया, नसीरुद्दीन चिराग़-ए-दिल्ली और हज़रत अमीर ख़ुसरौ का ज़माना देखा है, वहीं यह शहर विभिन्न मतों का भी साक्षी रहा है। इस शहर ने वहदत-उल-वजूद से… continue reading