हिंद की राबिआ’ बसरी -बी-बी कमाल काकवी
सूबा-ए-बिहार में मुसलमानों की आमद से पहले कमालाबाद उ’र्फ़ काको में हिन्दू आबादी थी,यहाँ कोई राजा या बड़ा ज़मीन-दार बर-सर-ए-इक़्तिदार था. पुराने टीलों और क़दीम ईंटें जो खुदाई में बरामद होती रहीं वो इस बात की शाहिद हैं,ब-क़ौल अ’ता काकवी कि बहुतेरे टीले और गढ इस बात की शहादत देते हैं .जदीद मकानात की ता’मीर… continue reading