हिन्दुस्तानी तहज़ीब की तश्कील में अमीर ख़ुसरो का हिस्सा- मुनाज़िर आ’शिक़ हरगानवी
जब हम हिन्दुस्तान की तहज़ीब का मुतालिआ’ करते हैं तो देखते हैं कि तरह तरह के इख़्तिलाफ़ के बावजूद अहल-ए-हिंद के ख़याल, एहसास और ज़िंदगी में एक गहरी वहदत मौजूद है जो तरक़्क़ी के दौर में ज़्यादा और तनज़्ज़ुल के दौर में कम होती रहती है। अमीर ख़ुसरो 653 हिज्री में ब-मक़ाम-ए-पटियाली पैदा हुए और… continue reading