जिन नैनन में पी बसे दूजा कौन समाय
यह प्रेम की डोर ही जीवन है. इस से बंध कर ही आत्मा की पतंग उड़ती है. कभी कभी ऐसा भ्रम होता है कि यह डोर न होती तो शायद पतंग और ऊँचे जाती परन्तु जैसे ही यह डोर टूटती है पतंग सीधी ज़मीन पर आ गिरती है.
“Niki lagat mohe apne pia ki,Aankh rasili laaj bhari re…” Farid Ayaz Saab used to recite this kalam with “aankh rasili, aur jadu bhari re.” I had corrected him once over a WhatsApp call, and at the age of 73, he was a curious learner, had accepted it in absolute humility.Incidentally, today is the 100th… continue reading
यह प्रेम की डोर ही जीवन है. इस से बंध कर ही आत्मा की पतंग उड़ती है. कभी कभी ऐसा भ्रम होता है कि यह डोर न होती तो शायद पतंग और ऊँचे जाती परन्तु जैसे ही यह डोर टूटती है पतंग सीधी ज़मीन पर आ गिरती है.
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगान हज़रत ख़्वाजा सैयद नसीरुद्दीन महमूद रौशन चिराग़ देहलवी सिलसिला-ए-चिश्तिया के रौशन चराग़ हैं। हज़रत की पैदाइश अयोध्या में 675 हिज्री (1276/77 ई’स्वी) में हुई थी।आपके वालिद माजिद का नाम हज़रत सैयद अल-मुई’द यहया युसूफ़ अल-गिलानी था। आपके दादा का नाम सैयद अबू नस्र अ’ब्दुल लतीफ़ रशीदुद्दीन अल-गिलानी था जो यमन, ख़ुरासान, नेशापुर, लाहौर, दिल्ली… continue reading
बिहार-ओ-बंगाल के अव्वलीन सूफ़िया ज़्यादा-तर सुहरवर्दी निस्बत से मा’मूर हैं।कहा जाता है फ़ातिह-ए-मनेर हज़रत इमाम मुहम्मद ताज फ़क़ीह और उनके पोते मख़दूम कमालुद्दीन अहमद यहया मनेरी और उनके ख़ुस्र मुअ’ज़्ज़म हज़रत सय्यद शहाबुद्दीन पीर-ए-जगजोत ये सब सुहरवर्दी सिल्सिले से वाबस्ता थे।वहीं दूसरी तरफ़ हज़रत पीर-ए-जगजोत के नवासा मख़दूम अहमद चर्मपोश और मख़दूमा बीबी कमाल (काको)… continue reading
مشائخ سلسلہ عالیہ قادریہ میں حضرت صوفی شاہ آبادانی سیالکوٹی رحمۃ اللہ علیہ (م18/ربیع الثانی 1220 ھ) کی شخصیت بھی کافی اہمیت کی حامل ہے۔ اواخر بارہویں صدی ہجری سے اوائل تیرہویں صدی ہجری تک آپ کا فیضان شمالی ہند میں عام تھا۔ حضرت سیدنا شیخ احمد سرہندی المعروف بہ مجددالف ثانی کے بعد آپ… continue reading
आज दुनिया संगीन क़िस्म के ग़िज़ाई बोहरान से नबर्द-आज़मा है, जदीद टेक्नॉलोजी के दौर में तरक़्क़ियाती दा’वों के बा’द भी आ’लमी सतह पर ग़िज़ा की शदीद क़िल्लत के सबब भूक से होने वाली अमवात की शरह में तश्वीश-नाक हद तक इज़ाफ़ा होता जा रहा है और भूक आ’लमी मसाएल में एक संगीन सूरत इख़्तियार कर… continue reading