हाफ़िज़ की कविता – शालिग्राम श्रीवास्तव
हिन्दी जाननेवालों को फ़ारसी-किवता के रसास्वादन के लिए पहले दो-एक मोटी मोटी बातों की हृदयस्थ कर लेना चाहिए। फ़ारस या ईरान में मुसलमानों के आगमन से पहले आमोद-प्रमोद को सामग्री में शराब का विशेष स्थान था। जगह जगह बड़े-बड़े शराबखाने खुले हुए थे, जिनको मैक़दा वा ख़राबात, उनके अध्यक्ष को पीरेमुग़ाँ, और उनमें काम करनेवाले… continue reading