Qawwalon ke Qisse-4 Murli Qawwal ka Qissa

लखनऊ के क़व्वाल कन्हैया के औलाद नहीं थी । वह अपने पीर साहब के हुज़ूर पेश हुए और उनसे अपनी यह परेशानी बताई । पीर साहब ने अर्ज़ किया – कन्हैया ! तेरे घर पर मुरली बजेगी ! और ऐसा ही हुआ । कन्हैया को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई । उन्होंने अपने बेटे का नाम मुरली रखा । मुरली आगे चलकर हिंदुस्तान भर में अपनी क़व्वाली के लिए प्रसिद्ध हुए । नुसरत फ़तेह अली ख़ान साहब मुरली क़व्वाल की शैली के बहुत बड़े प्रशंसक थे । मुरली को शहंशाह-ए-क़व्वाली भी कहा जाता है ।मुरली ने क़व्वाली की प्रसिद्द तकरार शैली विकसित की ।आज कल मुरली के बेटे राजू अपने वंश की क़व्वाली परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं ।

-सुमन मिश्र

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