The life and times of Shah Akbar Danapuri
सूबा-ए-बिहार अपनी अज़मत के लिहाज़ से दीगर जगहों पर फ़ौक़ियत रखता है। इस्लाम की आमद के पहले यहाँ बौध और जैन मज़हब की ता’लीमात आम थीं। 576 हिज्री के बा’द मुस्लमानों की आमद सूबा-ए-बिहार के खित्ते में कसरत से हुई । फ़ातिह-ए-मुनीर हज़रत इमाम मुहम्मद अल-मारूफ़ ब-ताज-ए-फ़क़ीह मक्की की तीन औलाद मुहम्मद इसराईल,मुहम्मद इसमाईल और अबदुल अज़ीज़ ने यहाँ इस्लाम की तरवीज-ओ-इशाअत… continue reading